आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भारत का भविष्य: पीएम मोदी और पर्प्लेक्सिटी एआई के सीईओ की मुलाकात

Sunil Puri
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CEO of Perplexity AI meets Prime Minister /© 'x' @aravsrinivas

शनिवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्प्लेक्सिटी एआई के सह-संस्थापक और सीईओ, श्री अरविंद श्रीनिवास से मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों के बीच भारत और विश्व में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग और इसके विकास पर गहरी चर्चा हुई। चेन्नई में जन्मे श्रीनिवास ने इस मुलाकात को लेकर अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे पीएम मोदी की इस विषय पर Update रहने की commitment और उनके भविष्य की समझ से बेहद प्रसन्न हुए।

अरविंद श्रीनिवास ने अपने X (पहले ट्विटर) अकाउंट पर इस मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिलने का सम्मान प्राप्त हुआ। हमने भारत और दुनिया में एआई को अपनाने की संभावनाओं पर शानदार चर्चा की। मोदी जी की इस विषय पर जागरूकता और उनके असाधारण दृष्टिकोण से बहुत प्रेरणा मिली।”

इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “आपसे मिलकर अच्छा लगा , एआई के उपयोग और इसके विकास पर चर्चा करके बहुत अच्छा लगा। पर्प्लेक्सिटी एआई के साथ आपके शानदार काम को देखकर खुशी हुई। आपके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।”

एआई पर चर्चा और संभावनाएं

बैठक में श्रीनिवास ने एआई को भारत में बड़े पैमाने पर अपनाने की संभावनाओं और इसके व्यापक उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने पीएम मोदी की जानकारी और उनकी सोच की प्रशंसा की। श्रीनिवास ने यह भी कहा कि उन्होंने पीएमओ कार्यालय में सभी के साथ बातचीत का भरपूर आनंद लिया।

पर्प्लेक्सिटी एआई और भारत के लिए क्या दिया मैसेज

सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की चर्चा तेजी से फैली। कुछ यूजर्स ने जहां इस मुलाकात को प्रेरणादायक बताया, वहीं कुछ ने इसे लेकर मजाकिया टिप्पणियां भी कीं। एक यूज़र ने पूछा, “क्या यह तस्वीर एआई जनरेटेड है?” वहीं, एक यूज़र ने सुझाव दिया कि श्रीनिवास को पर्प्लेक्सिटी का मुख्यालय भारत में शिफ्ट करना चाहिए। उन्होंने लिखा, “शायद आपको पर्प्लेक्सिटी का Base भारत में लाने की कोशिश करनी चाहिए। पूरा देश आपका समर्थन करेगा!”

प्रधानमंत्री मोदी का क्या था नज़रिया

यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी न केवल तकनीक के प्रति जागरूक हैं, बल्कि वे भारत को इस क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध भी हैं। इस मुलाकात ने एआई के क्षेत्र में भारत के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं।

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